
सोमवार रात ग़ज़ा सिटी में इसराइल ने भारी बमबारी की, जिससे पूरे इलाक़े में दहशत फैल गई। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, इसराइली सेना ने ग़ज़ा सिटी के कई हिस्सों को निशाना बनाया। सोशल मीडिया और कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि यह ज़मीनी अभियान की शुरुआत हो सकती है।
पलायन करते लोगों पर भी हमले
सेंट्रल ग़ज़ा से भी विस्फोटों की खबरें आई हैं — यही वो रास्ता है जहां से हज़ारों फ़लस्तीनी लोग सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे थे। ऐसे में चिंता और गुस्सा दोनों बढ़ रहे हैं कि क्या नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है?
इसराइली रक्षा मंत्री बोले: “ग़ज़ा जल रहा है”
मंगलवार सुबह, इसराइली रक्षा मंत्री इसराइल कात्ज़ ने ‘X’ (पहले ट्विटर) पर लिखा, “ग़ज़ा जल रहा है।” उनका कहना था कि जब तक मिशन पूरा नहीं हो जाता, इसराइल पीछे नहीं हटेगा। इससे साफ है कि यह सिर्फ़ हवाई हमला नहीं, शायद एक फुल-स्केल ज़मीनी युद्ध की भूमिका है।
अमेरिका का “अटूट समर्थन”
इस हमले से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने यरूशलम में इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और अमेरिका की तरफ से “अटूट समर्थन” का भरोसा दिया। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह हमला उसी समर्थन का नतीजा है?

मलबे में दबे लोग, मानवीय संकट गहराया
स्थानीय पत्रकारों के अनुसार, कई घर तबाह हो चुके हैं और मलबे में लोग दबे हुए हैं। फिलहाल राहत बचाव कार्य बेहद मुश्किल है क्योंकि धमाके लगातार जारी हैं। इसराइली सेना की ओर से ज़मीनी हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन ज़मीनी टुकड़ियों की मौजूदगी की रिपोर्ट्स हैं।
क्या ग़ज़ा में एक और युद्ध शुरू हो चुका है?
इन घटनाओं से संकेत मिल रहा है कि इसराइल अब सिर्फ़ हवाई हमलों पर नहीं रुकेगा, और ज़मीनी अभियान भी आगे बढ़ सकता है। फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए मानवीय संकट पहले से ज़्यादा गहरा हो गया है। वैश्विक राजनीति और मध्य-पूर्व की शांति पर इसका दूरगामी असर हो सकता है।
“4 गोल्ड, 1 देश, 0 चांस की बात – इंडिया ने कमाल कर दिया जनाब!”
